जयसिंह अग्रवाल

मंत्री - राजस्व, आपदा, पुनर्वास पंजीयन व स्टाम्प विभाग, छत्तीसगढ़ शासन

जीवन परिचय

छत्तीसगढ़ शासन में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प ड्यूटी मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री आदरणीय श्री जयसिंह अग्रवाल जी का जन्म 1 मार्च, 1963 को हुआ। आप माताजी श्रीमती शांति देवी एवं पिताजी श्री राम कुमार अग्रवाल जी की गोद में पले बढ़े।
बचपन से ही श्री जयसिंह अग्रवाल जी के अन्दर नेतृत्व क्षमता मुखरित होने लगी थी। पढ़ाई और खेल के मैदान में श्री अग्रवाल हमेशा प्रथम पंक्ति में रहते आए हैं। उनकी खेल विधा और साथियों के बीच नेत कौशल की हमेशा तारीफ़ होती रही। लोक कल्याण के किसी भी कार्य में नेतृत्व का अवसर मिलने पर उसे आपने कभी नहीं छोड़ा।
छात्रजीवन से ही जयसिंह अग्रवाल में प्रबल नेतृत्व क्षमता विद्यमान थी जिसकी वजह वर्ष 1980 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोरबा के आप निर्विरोध छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। युवावस्था में ही छात्रसंघ का अध्यक्ष चुना जाना एक तरह से आपका राजनैतिक जीवन में प्रवेश था।

राजनैतिक सफ़र

वर्ष 1993 से 1996 तक जांजगीर लोकसभा के सांसद स्व. भवानीलाल वर्मा जी का प्रतिनिधित्व करते हुए कोरबा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि के रूप में आपको कार्य करने का अवसर मिला। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि उस समय जांजगीर लोकसभा का दायरा काफी बड़ा होता था। चूंकि जनसेवा की भावना बचपन से ही आपके भीतर विद्यमान थी अतः आपने इसे सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में सहर्ष स्वीकार किया। इस अवधि में आप एक कर्मयोगी की भांति आम नागरिकों की समस्याओं को दूर करने में सफल होते रहे। जनता के प्रति आपके स्नेह और प्यार के कारण आपने लोगों के दिलों में जगह बनाई और धीरे-धीरे आप जयसिंह भइया के रूप में सम्बोधित होने लगे।
अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के दौरान वर्ष 1996 से 1998 तक कोरबा में ‘विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ (SADA) के चेयरमैन की हैसियत से कार्य करते हुए आपने कोरबा के आम नागरिकों के दिलों में अपनी अमिट पहचान बनाई। यद्यपि इस अवधि में श्री अग्रवाल को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था फिर भी सरल हृदय का स्वामी होने के कारण आमजन की पहुंच आप तक सहज ही थी। सही मायने में आम नागरिकों से सीधे तौर पर जुड़ने, उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए आपके लिए जनसेवा कार्य का यह बेहतरीन समय था। यही वजह थी कि क्षेत्र के जनमानस में श्री अग्रवाल की छवि एक जनसेवक के रूप में स्थापित हो गई।
श्री अग्रवाल के राजनैतिक सफ़र की बात करें तो वर्ष 1998 से 2003 की अवधि बहुत महत्वपूर्ण रही। उस समय जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. चरणदास महंत ने आपको कोरबा जिले के लिए सांसद प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने का पुनः एक अवसर दिया। यह समयकाल इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसी अवधि में मध्यप्रदेश से विलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का अभ्युदय हुआ। नवोदित राज्य की नीतियों के अनुरूप कार्यक्षेत्र में बहुत सी नई ज़िम्मेदारियां बढ़ गईं। आमजनों के बीच पहुंचने, उनसे मिलने और उनकी समस्याओं का निराकरण कराने का आपको एक और अवसर मिला। यही वजह थी कि आपकी जयसिंह भइया वाली छवि आम लोगों के बीच एक बार फिर से उभरकर सामने आई।
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का विघटन होने के बाद स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नगरीय निकायों का गठन किया गया। कोरबा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का चेयरमैन होने के कारण आपको नवगठित नगरीय निकाय प्रकोष्ठ में शामिल किया गया। इस तरह से श्री अग्रवाल वर्ष 2000 से 2003 तक नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के कार्यकारी सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं देते रहे।
आप प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य तो पहले से ही रहे हैं, वर्ष 2010 में आपने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद आपने पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए गहन सदस्यता अभियान चलाया और बड़ी संख्या में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को पार्टी की सदस्यता प्रदान करवाई। वर्ष 2004 से 2011 की अवधि में श्री जयसिंह अग्रवाल जी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दायित्व का निर्वहन किया। इस अवधि में आपको अनेक जिलों का संगठन मंत्री भी बनाया गया। इस ज़िम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए आपने पार्टी को और संगठन को मजबूती प्रदान कर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया गया जिसके तहत जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के एक हिस्से कोरबा को नया विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 21 बनाया गया। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र में दो बार सांसद प्रतिनिधि की हैसियत से कार्य करने और आम लोगों के बीच स्थापित जयसिंह भइया की चिरपरिचित छवि का ही परिणाम रहा कि वर्ष 2008 में कोरबा विधानसभा क्षेत्र के आप प्रथम विधायक चुने गए।
लोकप्रिय विधायक की छवि के साथ कोरबा क्षेत्र में किए गए अनेकों लोक कल्याणकारी कार्यों और आमजनों के मानसपटल पर अंकित आपकी विशिष्ट पहचान की वजह से क्षेत्र की जनता ने आपको लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिध चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया है। जयसिंह भइया की अमिट छवि का ही परिणाम है कि विधानसभा में वरिष्ठता एवं लोकप्रिय कार्यशैली के आधार पर ही राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंपते हुए आपको छत्तीसगढ़ शासन का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस क्षेत्र को महत्व दिया गया और कोरबा क्षेत्र के विधायक को पहली बार मंत्री बनाया गया।

सामाजिक कार्य

  • सहज और सरल स्वभाव के श्री अग्रवाल सहयोग भावना से ओत-प्रोत यथोचित सहयोग हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। यथावश्यकता कोई भी ज़रूरतमंद आपके पास से निराश होकर नहीं लौटता। 
  •  अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़कर समाजसेवा में सक्रिय भागीदारी करते हुए श्री अग्रवाल लॉयंस क्लब कोरबा में चार्टर सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। आप कोरबा चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के भी सक्रिय सदस्य हैं। समाजसेवा क्षेत्र का विस्तार करते हुए डी.ए.व्ही. पब्लिक स्कूल बिलासपुर के ट्रस्टी सदस्य की ज़िम्मेदारी भी आपको सौंपी गई है। लायंस क्लब सेवा हेतु सदैव तत्पर रहता है। फलस्वरूप अनेक शिविर चाहे स्वास्थ्य संबंधी हों या फिर अन्य रूप में आई प्राकृतिक आपदा के लिए संचालित राहत शिविर हों, आपकी सेवाएं अविस्मरणीय हैं। सामाजिक कार्यों के लिए आप हर समय उपलब्ध रहते हुए रोगी कल्याण समिति कोरबा के संरक्षक सदस्य का दायित्व भी निभा चुके हैं। अग्रवाल समाज को आप पर गर्व है कि आपने छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष(अग्रवाल समाज) का पदभार संभाला।
  • खेल गतिविधियों से आपका अगाध प्रेम है, बचपन से ही खेल की अनेक विधाओं में आप रूचि लेते रहे हैं। वर्तमान में आप कोरबा जिला फुटबॉल संघ के जिलाध्यक्ष की हैसियत से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आपके मार्गदर्शन में कोरबा के प्रियदर्शिनी स्टेडियम में प्रतिवर्ष राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर की अनेक खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों में जिला प्रशासन और अनेक खेल संगठनों के साथ ही कोरबा और उसके आसपास स्थापित औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सक्रिय भागीदारी रहती है। आपके मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष कोरबा विधानसभा स्तर पर क्रिकेट स्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है जिसके ज़रिए उदीयमान युवा खेल प्रतिभाओं को एक नया मंच प्राप्त होता है। खेल प्रतिभाओं के लिए प्रशिक्षण शिविरों के साथ ही उनके कौशल उन्नयन हेतु अनेक प्रभावी कार्यक्रमों के आयोजन में भी आपका प्रशंसनीय योगदान है।
  • कोरबा के एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां पर स्थापित किया गया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अनुसूचित जाति और जनजातीय वर्ग के अन्तर्गत आने वाले युवाओं के लिए आरक्षित है। सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण हेतु कोई संस्थान न होने के कारण श्री जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों से कोरबा स्थित गोपालपुर, चोरभट्ठी में सामान्य वर्ग के लिए 21 मई 2015 में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कराया गया। क्षेत्रीय जनता की यह बहुप्रतीक्षित मांग थी जिसको पूरा कराने का श्रेय आपको जाता है। आपके प्रयासों से कोरबा क्षेत्र में अनेक विकास संबंधी कार्यों को शुरू कराया गया तथा धीमी गति से चल रहे अनेक विकास कार्यों को आपने गति प्रदान करवाई।
  • आम लोगों के प्रति कर्तव्यबोध को समझते हुए आपने आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के युवक युवतियों हेतु सामूहिक विवाह का आयोजन करवाया। आपके सद्प्रयासों से ही शांतिदेवी मेमोरियल सोसायटी के तत्वावधान में 23 अप्रैल 2013 को आयोजित सर्व धर्म सामूहिक कन्या विवाह में 21 जोड़ों को परिणयसूत्र में आबद्ध होने का सुअवसर प्राप्त हो सका। 
  • समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए विशिष्ट पर्वों पर भण्डारे आदि का आयोजन आपने किया है। लगभग विगत 10 वर्षों से धार्मिक स्थलों पर नवरात्रि, हनुमान जयंती, बसंत पंचमी आदि विशेष अवसरों पर आपके द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है जिसमें दूर-दूर से पहुंचकर विशाल जनसमुदाय शामिल होता है और भोजन प्राप्त कर आपके लिए दिल से दुआएं करता है।
  • जरूरतमंद तबकों से संबंधित महिलाओं की जीवनशैली में बदलाव लाने और परिवार की आय में बढ़ोत्तरी के नज़रिए से स्वप्रेरित होकर क्षेत्र में 1200 से अधिक महिला समूहों का आपने गठन कराया जिसमें 22 हज़ार से अधिक महिलाओं को एक कड़ी में पिरोया गया। इन महिला समूहों को अनेक शासकीय योजनाओं से अवगत कराया गया जिसका लाभ उठाते हुए आज उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो सकी है और उनका तथा परिवार के सदस्यों का जीवनस्तर बेहतर हो रहा है।
  • कोरबा सर्वमंगला मंदिर परिसर स्थित प्रशांति वृद्धाश्रम में निवासरत बेसहारा बुजुर्गों के लिए समय-समय पर दवाइयां और शीतकाल में प्रतिवर्ष कम्बल आदि का वितरण आपके द्वारा किया जाता है। इसी तरह शीतकाल में ही अनेक सामाजिक संगठनों के माध्यम से जरूरतमंदों के लिए विभिन्न इलाकों में कम्बल आदि का वितरण किया जाता है जिसमें श्री अग्रवाल जी की सक्रिय भागीदारी रहती है।
  • प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल में 3 महीने की अवधि तक प्रतिदिन हजारों राहगीरों और जरूरतमंदों को बाज़ार-हाट और चौक-चौराहों पर शीतल शर्बत उपलब्ध कराने का पुण्य कार्य आपके द्वारा कराया जाता है। कोरबा शहर के भीतर शीतल शर्बत वितरण के अनेक निर्धारित केन्द्र बनाए जाते हैं जहां से क्या बड़े और क्या छोटे हर कोई आते-जाते रूक कर एक-दो गिलास शीतल शर्बत पीने के बाद अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ जाता है।
  • कोरबा जमनीपाली स्थित एन.टी.पी.सी. आवासीय परिसर में बालको केप्टिव पॉवर प्लांट के सहयोग से केन्द्रीय विद्यालय संचालित होता था। एन.डी.ए. सरकार की विनिवेश नीति के तहत केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा वर्ष 2001 में भारत एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (BALCO) का प्रबंधन निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया। बालको के नवप्रबंधन द्वारा इस विद्यालय को बन्द कर दिया गया। ऐसे अवसर पर क्षेत्र के कर्मयोगी, जनता की सेवा हेतु सदैव तत्पर रहनेवाले जयसिंह भइया के अथक प्रयासों और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत के सहयोग से केन्द्रीय विद्यालय को बचाया जा सका। कोरबा क्षेत्र में ऐसा पहली बार संभव हो सका जब बिना किसी शासकीय उपक्रम के सहयोग के पहला केन्द्रीय विद्यालय कोरबा में स्थापित कराया जा सका। विद्यालय के भवन निर्माण का कार्य ग्राम चोरभट्ठी ( गोपालपुर ) में प्रगति पर है। (जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए हाल ही में ग्राम चोरभट्ठी का नाम शांति विद्याग्राम प्रस्तावित किया गया है।)
  • कोरबा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम सुमेंधा, दुरपा, सर्वमंगला नगर, परसाभाठा बालको, अयोध्यापुरी, भैरोताल, सीतामणी, पम्पहाउस, कोहड़िया, रूमगरा, दर्री, विकासनगर, कुसमुण्डा आदि क्षेत्रों में हाईस्कूल नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को दूर-दूर तक पढ़ने के लिए जाना पड़ता था। इन स्थानों पर पहले से संचालित माध्यमिक शालाओं का उन्नयन करवाकर हाईस्कूल कराया गया। इन सभी स्थानों पर उन्नयन पश्चात् विद्यार्थियों के बैठने के लिए अलग कमरों का निर्माण कार्य भी सम्पन्न करा लिया गया है। ग्राम बलगी में संचालित हाईस्कूल का उन्नयन करवाकर उसे हायर सेकेण्ड्री बनाया गया। इसी प्रकार अनेक ग्रामीण अंचलों में संचालित हाईस्कूलों का उन्नयन हायर सेकेण्ड्री स्तर पर करने के प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।
  •  कोरबा के जमनीपाली क्षेत्र में स्थित एन.टी.पी.सी. संयंत्र परिसर के अन्दर 370 परिवार ऐसे थे जिन्हें किसी तरह की बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी आदि कुछ भी उपलब्ध नहीं थीं। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ये परिवार वहां जीवनयापन करने के लिए मजबूर थे। इन सभी परिवारों को श्री जयसिंह अग्रवाल जी की पहल पर प्रशासन के सहयोग से 28 जनवरी 2013 को शांतिनगर व प्रगतिनगर में व्यवस्थापित किया गया जहां उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गईं। व्यवस्थापन पश्चात सभी परिवारों के सदस्य खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
  • कोरबा शहर में स्थापित अनेक उद्योगों की वजह से शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव निरंतर बढ़ते जा रहा है और इसके परिणामस्वरूप लगातार सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। व्यापक अध्ययन पश्चात् यातायात व्यवस्था की सुगमता को अत्यावश्यक मानते हुए सीएसईबी(CSEB) चौक पर व्हाई(Y) शेप ओव्हर ब्रिज के निर्माण की सार्थक पहल करते हुए श्री अग्रवाल ने माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की। उच्च न्यायालय ने जनहित को ध्यान में रखते हुए श्री अग्रवाल जी की याचिका को स्वीकार कर कोरबा कलेक्टर को ओव्हर ब्रिज बनाने का आदेश दिया। फिलहाल अभी इस परियोजना पर कोई कार्य नहीं हो रहा है।
  • कोरबा नगर पालिक निगम का क्षेत्र काफी व्यापक है और इसके अन्तर्गत हर आयवर्ग के लोग निवास करते हैं। सम्पत्तिकर को कम करने के संबंध में समय-समय पर आम लोगों की मांग उठती रही है जिसके संबंध में कोरबा नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती रेणु अग्रवाल ने सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित करवाकर अनुमोदन हेतु शासन के समक्ष प्रस्तुत किया। शासन द्वारा उक्त प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया वरन् सम्पत्तिकर को और बढ़ा दिया गया। आम लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोरबा विधायक श्री जयसिंह अग्रवाल ने सम्पत्तिकर के संबंध में शासन के निर्णय के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। जनहित याचिका पर विचार कर माननीय उच्च न्यायालय ने कोरबावासियों के लिए सम्पत्तिकर को कम करने का आदेश दिया। यह जयसिंह भइया की ही जीवटता थी कि सम्पत्तिकर के सम्बंध में उच्च न्यायालय के निर्णय से कोरबावासियों को बहुत बड़ी राहत मिल सकी।

मुख्य प्राथमिकताएं

  • सेवा परमो धर्मः जयसिंह अग्रवाल जी का मानना है कि लोगों की सेवा से बढ़कर अन्य कोई कार्य नहीं। वे ज़रूरतमंदों, अशक्तों और बेसहारा लोगों की सेवा करना अपना नैतिक कर्तव्य मानते हैं जो आपकी पहली प्राथमिकता की श्रेणी में आते हैं। 
  • वर्तमान में केबिनेट मंत्री और पिछले 10 वर्षों से लगातार चुने जा रहे विधायक की हैसियत से समूचे कोरबा विधानसभा क्षेत्र को बहुत करीब से समझने का मौका आपको मिला है। कोरबा के शहरी और उसके आसपास जुड़े हुए ग्रामीण क्षेत्रों को यदि छोड़ दिया जाए तो वनांचल और ग्रामीण अंचलों के लोग आज भी विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर हैं। ऐसे लोगों के पास आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। आपकी प्रबल इच्छा है कि कोरबा विधानसभा क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो और हर जरूरतमंद तक आवश्यक बुनियादी सुविधाएं पहुँच सकें। आपका लक्ष्य है कि सही मायने में कोरबा विधानसभा क्षेत्र एक आदर्श क्षेत्र बन सके।
  • आम नागरिकों की बेहतरी के लिए आपने राज्य शासन की अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हैं। आपका मानना है कि समाज के सीमांत व्यक्ति तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ पहुंचना चाहिए और ऐसे कार्य आपकी प्राथमिकताओं में से एक हैं।
  • वर्तमान समय में बेरोजगारी एक असाध्य बीमारी की तरह सर्वव्यापी होती जा रही है। आपका उद्देश्य है कि कोरबा विधानसभा क्षेत्र से बेरोजगारी का नामोनिशान मिट जाए तथा हर बेरोजगार युवा स्वावलम्बी बन जाए। इसके लिए शासन की अनेक योजनाएं हैं जिसके ज़रिए स्वयं के व्यवसाय हेतु वित्तीय व्यवस्था, समय-समय पर भर्ती अभियानों के ज़रिए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना, प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलंबन की अनेक योजनाओं का लाभ युवाओं को मिले इसके लिए आप सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। आपका सपना है कि क्षेत्र में हर चेहरे पर मुस्कान हो जो उनकी खुशहाली का प्रतीक बने।
  • समाज के पिछड़े वर्ग और वनांचल तथा अर्धविकसित/विकासशील क्षेत्रों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को शासन की योजनाओं की जानकारी साझा करना और योजनाओं का लाभ दिलाना आपकी मूल प्राथमिकताओं में से एक है। जब तक इनके चेहरों पर खुशी नहीं दिखाई देती, कोरबा विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा क्षेत्र की श्रेणी में कैसे गिना जा सकेगा?
  • श्री जयसिंह अग्रवाल जी का सपना है कि कोरबा को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिले। कोरबा की अनेकानेक खूबियां हैं जिनमें बहुतों को तो स्थानीय स्तर के लोग भी नहीं जानते हैं। आपकी इच्छा है कि कोरबा की सारी खूबियों को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक वजनदार तरीके से प्रस्तुत किया जाए ताकि कोरबा को एक अलग पहचान हासिल हो सके।
  • कोरबा अपने आप में अनेक खूबियों वाला क्षेत्र है जिसे लघु भारत के नाम से भी जाना जाता है। यहां देश के कोने-कोने से आकर लोग नौकरी अथवा अन्य व्यवसाय में लगे हुए हैं। अनेक विशेषताएं होने के बावजूद भी कोरबा रेल सुविधाओं के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ है। देश के अनेक हिस्सों तक पहुंचने के लिए लोगों को सीधी रेल सेवाएं बहुत कम उपलब्ध हैं या यूं कहा जाए तो लगभग न के बराबर। आपका प्रयास है कि देश के प्रमुख गंतव्य स्थानों तक जाने के लिए कोरबा से सीधी और द्रुतगामी रेल सेवाएं लोगों को मिल सकें।
  • कोरबा एक महत्वपूर्ण औद्योगिक नगरी है, राज्य और देश में इसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान भी है। यहां की आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता लगभग नहीं के बराबर हैं। यही वजह है कि आपात स्थिति में इलाज के लिए तत्काल प्रायः लोगों को बिलासपुर अथवा रायपुर रेफर कर दिया जाता है। जटिल बीमारियों के लिए यहां के मरीजों को मुम्बई, दिल्ली, विशखपट्टनम, चेन्नई अथवा अन्य महानगरों का रूख करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कई बार मरीज उचित उपचार के अभाव में राह में ही दम तोड़ देता है। जयसिंह भइया की अनेक अन्य प्राथमिकताओं में से एक प्रमुख और अति महत्वपूर्ण प्राथमिकता यह भी है कि कोरबा में एक सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालय संचालित हो सके ताकि कोरबा क्षेत्र और आसपास के लोगों को संकटकाल में तत्काल चिकित्सा सुविधाएं मिल सके। इतना ही नहीं कोरबा को चिकित्सा जगत में एक अलग पहचान हासिल हो सके और पड़ोसी राज्यों के साथ ही अन्य प्रदेशों के लोगों को भी महानगरों में उपलब्ध सुविधाओं की तरह बेहतर चिकित्सा सुविधाएं कोरबा में उपलब्ध हो सकें, ऐसी आपकी मंशा है।
  • कोरबा की पहचान ही उद्योगों के कारण है। एक तरफ यहां से देश के कोने-कोने तक कोयले का परिवहन किया जाता है तो दूसरी ओर बिजली उत्पादन केन्द्रों के नज़रिए से यहां स्थापित अनेक विद्युत संयंत्रों की वजह से कोरबा का अग्रणी स्थान है। राज्य का एकमात्र एल्यूमिनियम उत्पादक संयंत्र कोरबा में ही स्थापित है। इन उद्योगों की वजह से एक ओर जहां राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को विकास कार्यों के लिए राजस्व की बड़ी धनराशि प्राप्त होती हैं तो दूसरी ओर पूरे क्षेत्र को व्यापक पैमाने पर प्रदूषण की मार भी सहनी पड़ रही है। जयसिंह भइया का सपना है कि शहर को प्रदूषणमुक्त कराया जा सके। इसके लिए आप समस्त औद्योगिक प्रतिष्ठानों और संगठनों से निरंतर सम्पर्क में रहकर कारगर उपाय करने हेतु सदैव प्रयत्नशील हैं।
  • सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के लोगों के लिए बनाई गई हैं जिसके ज़रिए वे अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर परिवार का जीवनस्तर बेहतर बना सकें। जयसिंह अग्रवाल जी का प्रयास है कि शासन की ऐसी योजनाओं की जानकारी क्षेत्र के सीमांत व्यक्ति तक पहुंचे और उसका लाभ उसे मिल सके। इसके लिए समय समय पर क्षेत्र में जब भी आपका प्रवास होता है, खुले मंच से आप ऐसी जानकारियों को साझा करते हैं और उसका लाभ उठाने के लिए लोगों से जोर देकर अपील भी करते हैं।
  • राजनैतिक जीवन के आरंभ से ही आपने समूचे क्षेत्र का गहन दौरा किया है और महिलाओं की दयनीय स्थिति देख आप सदैव विचलित होते रहे हैं। हमेशा से आपका ऐसा मानना रहा है कि महिलाएं यदि आत्मनिर्भर हो जाएं तो परिवार की खुशहाली कई गुना बढ़ सकती है। इस दिशा में आपका सतत् प्रयास रहा है और महिला समूहों के गठन पर आपका विशेष बल रहा। अनेक छोटे बड़े गृह उद्योगों से महिला समूहों को जोड़कर अतिरिक्त समय में उन्हें आय बढ़ाने के साधनों से जोड़ने की आपने सार्थक पहल की है जिसका लाभ कोरबा क्षेत्र में लगभग 1200 महिला समूहों से जुड़ी करीब 22 हजार महिलाएं उठा रही हैं।
  • इन सबके अलावा आदर्श क्षेत्र की परिकल्पना को आप व्यापक पैमाने पर साकार करने की इच्छा रखते हैं जिसके तहत समूचा कोरबा विधानसभा क्षेत्र एक आदर्श क्षेत्र के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना सके। ऐसा आदर्श क्षेत्र जहां हर हाथ में काम हो और “हर आंगन खुशहाल” की परिकल्पना मूर्त रूप ले सके। कोई लाचार और तंगहाल न हो, हर चेहरे पर मुस्कान हो, सम्प्रदाय, मजहब और धर्म से परे सभी के बीच आपसी भाईचारे का नाता हो और सौहार्द्रपूण वातावरण में समाज का सीमांत व्यक्ति खुशहाल बन सके। ऐसे सपने को साकार करने की आपकी दृढ़ इच्छा है। यह सबकुछ करना इतना आसान नहीं होगा और ऐसा एक व्यक्ति अकेले नहीं कर सकता। इस संकल्पना को साकार करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को पूरे मनोयोग से जुड़ने की आवश्यकता है।