छत्तीसगढ़ शासन में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प ड्यूटी मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री आदरणीय श्री जयसिंह अग्रवाल जी का जन्म 1 मार्च, 1963 को हुआ। आप माताजी श्रीमती शांति देवी एवं पिताजी श्री राम कुमार अग्रवाल जी की गोद में पले बढ़े।
बचपन से ही श्री जयसिंह अग्रवाल जी के अन्दर नेतृत्व क्षमता मुखरित होने लगी थी। पढ़ाई और खेल के मैदान में श्री अग्रवाल हमेशा प्रथम पंक्ति में रहते आए हैं। उनकी खेल विधा और साथियों के बीच नेत कौशल की हमेशा तारीफ़ होती रही। लोक कल्याण के किसी भी कार्य में नेतृत्व का अवसर मिलने पर उसे आपने कभी नहीं छोड़ा।
छात्रजीवन से ही जयसिंह अग्रवाल में प्रबल नेतृत्व क्षमता विद्यमान थी जिसकी वजह वर्ष 1980 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोरबा के आप निर्विरोध छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। युवावस्था में ही छात्रसंघ का अध्यक्ष चुना जाना एक तरह से आपका राजनैतिक जीवन में प्रवेश था।
वर्ष 1993 से 1996 तक जांजगीर लोकसभा के सांसद स्व. भवानीलाल वर्मा जी का प्रतिनिधित्व करते हुए कोरबा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि के रूप में आपको कार्य करने का अवसर मिला। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि उस समय जांजगीर लोकसभा का दायरा काफी बड़ा होता था। चूंकि जनसेवा की भावना बचपन से ही आपके भीतर विद्यमान थी अतः आपने इसे सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में सहर्ष स्वीकार किया। इस अवधि में आप एक कर्मयोगी की भांति आम नागरिकों की समस्याओं को दूर करने में सफल होते रहे। जनता के प्रति आपके स्नेह और प्यार के कारण आपने लोगों के दिलों में जगह बनाई और धीरे-धीरे आप जयसिंह भइया के रूप में सम्बोधित होने लगे।
अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के दौरान वर्ष 1996 से 1998 तक कोरबा में ‘विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ (SADA) के चेयरमैन की हैसियत से कार्य करते हुए आपने कोरबा के आम नागरिकों के दिलों में अपनी अमिट पहचान बनाई। यद्यपि इस अवधि में श्री अग्रवाल को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था फिर भी सरल हृदय का स्वामी होने के कारण आमजन की पहुंच आप तक सहज ही थी। सही मायने में आम नागरिकों से सीधे तौर पर जुड़ने, उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए आपके लिए जनसेवा कार्य का यह बेहतरीन समय था। यही वजह थी कि क्षेत्र के जनमानस में श्री अग्रवाल की छवि एक जनसेवक के रूप में स्थापित हो गई।
श्री अग्रवाल के राजनैतिक सफ़र की बात करें तो वर्ष 1998 से 2003 की अवधि बहुत महत्वपूर्ण रही। उस समय जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. चरणदास महंत ने आपको कोरबा जिले के लिए सांसद प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने का पुनः एक अवसर दिया। यह समयकाल इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसी अवधि में मध्यप्रदेश से विलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का अभ्युदय हुआ। नवोदित राज्य की नीतियों के अनुरूप कार्यक्षेत्र में बहुत सी नई ज़िम्मेदारियां बढ़ गईं। आमजनों के बीच पहुंचने, उनसे मिलने और उनकी समस्याओं का निराकरण कराने का आपको एक और अवसर मिला। यही वजह थी कि आपकी जयसिंह भइया वाली छवि आम लोगों के बीच एक बार फिर से उभरकर सामने आई।
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का विघटन होने के बाद स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नगरीय निकायों का गठन किया गया। कोरबा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का चेयरमैन होने के कारण आपको नवगठित नगरीय निकाय प्रकोष्ठ में शामिल किया गया। इस तरह से श्री अग्रवाल वर्ष 2000 से 2003 तक नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के कार्यकारी सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं देते रहे।
आप प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य तो पहले से ही रहे हैं, वर्ष 2010 में आपने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद आपने पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए गहन सदस्यता अभियान चलाया और बड़ी संख्या में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को पार्टी की सदस्यता प्रदान करवाई।
वर्ष 2004 से 2011 की अवधि में श्री जयसिंह अग्रवाल जी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दायित्व का निर्वहन किया। इस अवधि में आपको अनेक जिलों का संगठन मंत्री भी बनाया गया। इस ज़िम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए आपने पार्टी को और संगठन को मजबूती प्रदान कर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया गया जिसके तहत जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के एक हिस्से कोरबा को नया विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 21 बनाया गया। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र में दो बार सांसद प्रतिनिधि की हैसियत से कार्य करने और आम लोगों के बीच स्थापित जयसिंह भइया की चिरपरिचित छवि का ही परिणाम रहा कि वर्ष 2008 में कोरबा विधानसभा क्षेत्र के आप प्रथम विधायक चुने गए।
लोकप्रिय विधायक की छवि के साथ कोरबा क्षेत्र में किए गए अनेकों लोक कल्याणकारी कार्यों और आमजनों के मानसपटल पर अंकित आपकी विशिष्ट पहचान की वजह से क्षेत्र की जनता ने आपको लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिध चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया है। जयसिंह भइया की अमिट छवि का ही परिणाम है कि विधानसभा में वरिष्ठता एवं लोकप्रिय कार्यशैली के आधार पर ही राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंपते हुए आपको छत्तीसगढ़ शासन का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस क्षेत्र को महत्व दिया गया और कोरबा क्षेत्र के विधायक को पहली बार मंत्री बनाया गया।